सिर्फ एहसास है यह जज़्बात का करीब न होकर भी करीब है हम इस बात का हर लम्हा इश्क बढ़ाती ये बारिशें सिर्फ एहसास है यह जज़्बात का करीब न होकर भी करीब है हम इस बात का हर लम्हा इश्क बढ़...
अधजली सिगरेट और अधजला मन अधजली सिगरेट और अधजला मन
मुआफ़िक रबड़ के खिंच कर सुबह जो, शाम होती है मुआफ़िक रबड़ के खिंच कर सुबह जो, शाम होती है
मुकेश बिस्सा श्री कन्हैया कुंज,4 नवखुनिया, गांधी कॉलोनी,जैसलमेर मुकेश बिस्सा श्री कन्हैया कुंज,4 नवखुनिया, गांधी कॉलोनी,जैसलमेर
ठहरी रही नजर तेरे दीदार को पर सजा मुकर्रर तुमने कर ही दिया, ठहरी रही नजर तेरे दीदार को पर सजा मुकर्रर तुमने कर ही दिया,